"बात अपनो से कर लिया कीजे।
ये आसमा में जितने तारे हैं
आज़ तेरा है कल मेरा हो जायेगा
जिस प्रकार इस धरती में गुरुत्वाकर्षण समाहित है वैसे ही इंसान
“हिचकी " शब्द यादगार बनकर रह गए हैं ,
कवनो गाड़ी तरे ई चले जिंदगी
******** रुख्सार से यूँ न खेला करे ***********
आपका भविष्य आपके वर्तमान पर निर्भर करता है, क्योंकि जब आप वर
#हम यह लंका भी जीतेंगे
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
कुरुक्षेत्र में द्वंद का कारण
-वतन के वास्ते जीओ वतन के वास्ते मर जाओ -
*ज्ञानी की फटकार (पॉंच दोहे)*
सच तो लकड़ी का महत्व होता हैं।