नाजुक -सी लड़की
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
नहीं होते यूं ही रिश्तें खत्म
सर पर हाथ रख दूं तो आजाद हो जाएगा,
Good things fall apart so that the best can come together.
तीन मुक्तकों से संरचित रमेशराज की एक तेवरी
गर बिछड़ जाएं हम तो भी रोना न तुम
जीत और हार ज़िंदगी का एक हिस्सा है ,
जीवन बहुत कठिन है लेकिन तुमको जीना होगा ,
लड़कियों के प्रति आकर्षण प्राकृतिक और स्वाभाविक होता है जिसम
इतनी भी तकलीफ ना दो हमें ....
*** आशा ही वो जहाज है....!!! ***
हम हरियाला राजस्थान बनायें
अदब से उतारा होगा रब ने ख्बाव को मेरा,
कभी कभी लगता है की मैं भी मेरे साथ नही हू।हमेशा दिल और दिमाग