विष बो रहे समाज में सरेआम
हर इंसान वो रिश्ता खोता ही है,
जिन्दगी के कुछ लम्हें अनमोल बन जाते हैं,
नव भारत निर्माण करो
Anamika Tiwari 'annpurna '
मानव पहले जान ले,तू जीवन का सार
रफ्ता रफ्ता हमने जीने की तलब हासिल की
जाहिलों को शिक्षा, काहिलों को भिक्षा।
उनको असफलता अधिक हाथ लगती है जो सफलता प्राप्त करने के लिए सह
हम दिल में मोहब्बत और सीने में कुरान रखते हैं ।
अरमान गिर पड़े थे राहों में
टूटकर जो बिखर जाते हैं मोती
कौवों को भी वही खिला सकते हैं जिन्होंने जीवित माता-पिता की स
खुश्क आँखों पे क्यूँ यकीं होता नहीं
झील किनारे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
उस गुरु के प्रति ही श्रद्धानत होना चाहिए जो अंधकार से लड़ना सिखाता है
आज के युग के आधुनिक विचार