Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Nov 2021 · 2 min read

शुभ मुहूर्त

✒️?जीवन की पाठशाला ?️

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जीवन में कुछ डगर -कुछ रास्ते ऐसे होते हैं जहाँ आपको आपके पूर्व जन्मों के कर्मों के अनुसार या कहें उस परमपिता की मर्जी के अनुसार अकेले ही अपने कदम बढ़ाते हुए आगे बढ़ना होता है ,यहाँ ना कोई परिवार साथ होता है -ना रिश्तेदार -ना मित्र ,साथ है तो केवल मालिक का आशीर्वाद -आपका जूनून -हौसला और हिम्मत …,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जब आप बहुत गहरी खाई में गिर चुके हो ,शरीर का रोम रोम दर्द से कराह रहा है ,लोग बाग़ आपको अनेकों नसीहत दे रहे हैं ,आपकी गाडी भी चूर चूर हो चुकी पर पर आप जिन्दा हो ,तो यकीन मानिये कोई आशीर्वाद -कोई शक्ति आपके साथ है जो अभी आपसे बहुत कुछ करवाना चाहती है ..बस वो आपके दर्द और पीड़ा को सहने की क्षमता से आपको और मजबूत करना चाहती है …,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की व्यक्ति को अपने कर्म पर विश्वास रखना चाहिए ना की राशिफलों या अन्य बातों पर ,देखा जाए तो श्री राम और रावण तथा श्री कृष्ण और कंस की राशि भी एक ही थी ,…मुझे तो ये समझ नहीं आता की जब हमारा आगमन (जन्म ) और प्रस्थान (मृत्यु )भी बिना शुभ लगन या मुहूर्त के होते हैं तो फिर जीवन भर ये शुभ मुहूर्त का खेल …,

आखिर में एक ही बात समझ आई की संसार के हर रिश्ते को निभाने के लिए आप जमीन आसमान एक कर दो -फिर भी कभी ना कभी ,कहीं ना कहीं -कोई ना कोई नाराजगी बनी ही रहती है ,वहीँ अगर आप सच्चे ह्रदय से कुछ समय उस परमपिता को दे दें तो पता नहीं वो कब किस घडी के समय से प्रसन्न होकर आपको इस भवसागर से मुक्ति दिला दे …!

बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?
स्वरचित एवं स्वमौलिक
“?विकास शर्मा’शिवाया ‘”?
जयपुर-राजस्थान

Language: Hindi
Tag: लेख
350 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Loading...