Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 May 2024 · 1 min read

शुभ प्रभात संदेश

शुभ प्रभात संदेश

वही धरा है ,वही गगन है🌸🌸
फिर भी मन कुछ आज मगन है…🌼🌼
शुभ प्रभात की बेला है ..🌻🌻🌻
उम्मीदों का मेला है 🌼🌼🌼
विधि ने आज कुछ है ,अलग करने की ठानी….🌻🌻🌻🌻🌻
“शुभ संदेश” सा बरसे “अमृतवाणी”🌼🌼
उन्मुक्त कंठ से गाते हैं..
शुभ संदेश सुनाते हैं…
रहिए
आज सब आप मगन…
करके प्रातः “ईश्वर वंदन”🙏🙏🙏🙏🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸
आपका दिन शुभ हो…. कुमुद 🌼

87 Views

You may also like these posts

ज़िंदगी की दौड़
ज़िंदगी की दौड़
Dr. Rajeev Jain
"आगाज"
ओसमणी साहू 'ओश'
शब्दों के कारवाँ
शब्दों के कारवाँ
Kshma Urmila
हर पल एक नया ख़्वाब दिखाती है ज़िंदगी,
हर पल एक नया ख़्वाब दिखाती है ज़िंदगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कविता-सुनहरी सुबह
कविता-सुनहरी सुबह
Nitesh Shah
पुरानी यादें
पुरानी यादें
Dr.Archannaa Mishraa
अजब सी कशमकश
अजब सी कशमकश
Surinder blackpen
It took me a long time to realize that not everything in lif
It took me a long time to realize that not everything in lif
पूर्वार्थ
सबने सब कुछ लिख दिया, है जीवन बस खेल।
सबने सब कुछ लिख दिया, है जीवन बस खेल।
Suryakant Dwivedi
रविदासाय विद् महे, काशी बासाय धी महि।
रविदासाय विद् महे, काशी बासाय धी महि।
गुमनाम 'बाबा'
मुझे क्या मालूम था वह वक्त भी आएगा
मुझे क्या मालूम था वह वक्त भी आएगा
VINOD CHAUHAN
नज़र में मेरी तुम
नज़र में मेरी तुम
Dr fauzia Naseem shad
वीर साहिबजादे
वीर साहिबजादे
मनोज कर्ण
मालूम नहीं, क्यों ऐसा होने लगा है
मालूम नहीं, क्यों ऐसा होने लगा है
gurudeenverma198
2560.पूर्णिका
2560.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
#राजनैतिक_आस्था_ने_आज_रघुवर_को_छला_है।
#राजनैतिक_आस्था_ने_आज_रघुवर_को_छला_है।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
" मायने "
Dr. Kishan tandon kranti
"नन्हे" ने इक पौधा लाया,
Priya Maithil
हमारा नेता कैसा हो
हमारा नेता कैसा हो
Sudhir srivastava
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
दोस्तो जिंदगी में कभी कभी ऐसी परिस्थिति आती है, आप चाहे लाख
दोस्तो जिंदगी में कभी कभी ऐसी परिस्थिति आती है, आप चाहे लाख
Sunil Maheshwari
सखी ये है कैसा सावन।
सखी ये है कैसा सावन।
श्रीकृष्ण शुक्ल
झुलसता जीवन
झुलसता जीवन
C S Santoshi
-प्यार की बहार -
-प्यार की बहार -
bharat gehlot
मंद बुद्धि इंसान,हमेशा मद में रहते
मंद बुद्धि इंसान,हमेशा मद में रहते
RAMESH SHARMA
पुरवाई
पुरवाई
Seema Garg
"ज़हन के पास हो कर भी जो दिल से दूर होते हैं।
*प्रणय*
बूढ़े लोग।
बूढ़े लोग।
Kumar Kalhans
I want to have a sixth autumn
I want to have a sixth autumn
Bindesh kumar jha
🚩वैराग्य
🚩वैराग्य
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
Loading...