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23 Aug 2024 · 1 min read

शुभांगी छंद

शुभांगी छंद

क्रूर मनुज ही,घोर दनुज है,दूषित भुज है, मटमैला।
नीच-पतित है,घृणित क्षितिज है,अधो गतिज है,विष थैला।

उसको कुचलो,चीरो मसलो,खूनी जन को,ललकारो।
नहिं सामाजिक,गंदी साजिश,करनेवाले,को मारो।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

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