शुभमाल छंद
जगण+जगण
121,121
भजो प्रभु नाम।
सदा सुख धाम।
धरो मन धीर।
हरें हर पीर।।1
करो प्रभु जाप।
मिटे भव ताप।
बने मन फूल।
मिटे हर शूल।। 2
प्रदूषण रोक।
हरो सब शोक।
करो जब सैर।
रहे तब खैर।।3
बुरा मत बोल।
रहो अनमोल।
जगा मन प्रीत।
यही बस जीत।।4
सुनो अनुनाद।
करो अनुवाद।
मिटे जब भ्रांति।
मिले तब शांति।।5
अरे मतिमंद।
मनोहर छंद।
रचो शुभमाल।
बजा करताल।।6
डाॅ बिपिन पाण्डेय