शुक्रिया-ए-ज़िंदगी तेरी चाहतों में,
शुक्रिया-ए-ज़िंदगी तेरी चाहतों में,
अपनी नींद भी गंवा दी,
अब तो बस तू इतनी मेहरबानी करना,
मुझे तेरी यादों के सहारे छोड़ जाना
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”
शुक्रिया-ए-ज़िंदगी तेरी चाहतों में,
अपनी नींद भी गंवा दी,
अब तो बस तू इतनी मेहरबानी करना,
मुझे तेरी यादों के सहारे छोड़ जाना
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”