शीर्षक-“हिंदी हैं हम”(14)
भाषाओं में भाषा हिंदी भाषा
अभिमान करते हैं हम हिंदी पर
सारी भाषाओं की भी यही है
अभिलाषा
हर जन-जन,मन-मन और ग्राम-ग्राम में
समाहित हो हिंदी
भाषाएं सभी प्यारी हैं,पर जान हमारी है हिंदी
उपयोग करें हम अपने प्रत्येक काम में
सूर एक हों,ताल एक हों,लय एक हों
सारी भाषाओं की तान है हिंदी
प्रतीक राष्ट्रीयता का,राजभाषा हमारी है हिंदी
पूर्व-पश्चिम,उत्तर-दक्षिण में लहराए परचम हिंदी
विरोध या निंदा न करना कभी मातृभाषा भी है
हमारी हिंदी
हिंदी हैं हम,सबमिल अब गर्व से कहना होगा
हर नेता को अपना भाषण अब हिंदी में ही देना होगा
सारे विश्व में फैलेगी हिंदी
आरती अयाचित
स्वरचित एवं मौलिक
भोपाल