Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jun 2023 · 1 min read

“शीर्षक-“भार ” (22)

किसी भी काम को करने से पूर्व ही
बिल्कुल भी भार मत समझो जनाब,

गर करते हो बेतहाशा मोहब्बत जिंदगी से बखूबी
तो रूचि लेकर नया मोड़ दे हर काम को और पहुंचाएं अंजाम तक
यकीनन रंग लाएगी मेहनत ज़रूर,मिलेगी मंज़िल नायाब,

मत कोस यूं वक्त को
जलाकर मशाल आत्मविश्वासी आंतरिक शक्ति की जोत,
ठान लें मन में किसी भी काम को समय पर पूर्ण करने की ओत,

पारिवारिक रिश्तों की मिठास को रख बरकरार
न रख दिल पर कोई बोझ और न ही किसी प्रकार का भार,
अपनेपन के फूलों की माला पहनाकर बिखेरते चल
रंगबिरंगी खुशबुओं का प्यार||

आरती अयाचित
स्वरचित एवं मौलिक
भोपाल

2 Likes · 619 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Aarti Ayachit
View all
You may also like:
ज़िन्दगी जीने की जद्दोजहद में
ज़िन्दगी जीने की जद्दोजहद में
लक्ष्मी सिंह
आओ थोड़ा जी लेते हैं
आओ थोड़ा जी लेते हैं
Dr. Pradeep Kumar Sharma
3293.*पूर्णिका*
3293.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तेरी मधुर यादें
तेरी मधुर यादें
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
एक व्यथा
एक व्यथा
Shweta Soni
मययस्सर रात है रोशन
मययस्सर रात है रोशन
कवि दीपक बवेजा
"जलाओ दीप घंटा भी बजाओ याद पर रखना
आर.एस. 'प्रीतम'
मात - पिता से सीख
मात - पिता से सीख
राधेश्याम "रागी"
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
झोपड़ियों से बांस खींचकर कैसे मैं झंडा लहराऊँ??
झोपड़ियों से बांस खींचकर कैसे मैं झंडा लहराऊँ??
दीपक झा रुद्रा
अंतिम सत्य
अंतिम सत्य
विजय कुमार अग्रवाल
हाइकु
हाइकु
अशोक कुमार ढोरिया
World Environment Day
World Environment Day
Tushar Jagawat
मुश्किलों से हरगिज़ ना घबराना *श
मुश्किलों से हरगिज़ ना घबराना *श
Neeraj Agarwal
तसव्वुर
तसव्वुर
Shyam Sundar Subramanian
Don't let people who have given up on your dreams lead you a
Don't let people who have given up on your dreams lead you a
पूर्वार्थ
dr arun kumar shastri -you are mad for a job/ service - not
dr arun kumar shastri -you are mad for a job/ service - not
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दिल में रह जाते हैं
दिल में रह जाते हैं
Dr fauzia Naseem shad
क्या आजाद हैं हम ?
क्या आजाद हैं हम ?
Harminder Kaur
क्या आसमां और क्या जमीं है,
क्या आसमां और क्या जमीं है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आता जब समय चुनाव का
आता जब समय चुनाव का
Gouri tiwari
जहां काम तहां नाम नहि, जहां नाम नहि काम ।
जहां काम तहां नाम नहि, जहां नाम नहि काम ।
Indu Singh
" रसोई में "
Dr. Kishan tandon kranti
कठिन समय रहता नहीं
कठिन समय रहता नहीं
Atul "Krishn"
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Mamta Rani
कौन उठाये मेरी नाकामयाबी का जिम्मा..!!
कौन उठाये मेरी नाकामयाबी का जिम्मा..!!
Ravi Betulwala
अक्सर कोई तारा जमी पर टूटकर
अक्सर कोई तारा जमी पर टूटकर
'अशांत' शेखर
कलयुग की छाया में,
कलयुग की छाया में,
Niharika Verma
सुख - डगर
सुख - डगर
Sandeep Pande
रामचरितमानस
रामचरितमानस
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
Loading...