शीर्षक:”बहन मैं उसे
शीर्षक:”बहन मैं उसे
तुझ सी बनाऊंगी”
ओ बहन ! इतना बतला
इतना कैसे रहती तू आजाद
क्या तेरे घर में नहीं
रहता कोई कामकाज।
जितनी निडरता से तू
हर काम कर जाती है
बहन मुझे बतला
इतना साहस कहाॅं से लाती है।
मैं भी अपनी बिटिया को पढ़ाऊंगी
साक्षर उसे बनाऊंगी
तुझ सी चाहती हूॅं मैं उसको बनाना
क्या तुम मेरा साथ निभाओगी।
मैं भी अपनी बिटिया को
शिक्षा के पंख देकर
एक नई सीढ़ी चढ़ाऊंगी
कल को वह भी सुख में जीवन जिए
बहन तेरी तरह मैं उसे बनाऊंगी।
हरमिंन्दर कौर
अमरोहा (उत्तर प्रदेश)