शीर्षक:कोई चिट्ठी लिख देते
शीर्षक:कोई चिट्ठी लिख देते
अपने मन की कोई बात कर लेते
जाने से पहले एक मुलाकात कर लेते
शायद तुमको भी ना पता होगा
कि तुम्हें अभी जाना है ।
तुम्हें भी एक पल का वक्त ना मिला होगा
इस कदर सांस छीनी होगी तुमसे तुम्हारी सासे
तुम्हें भी खुद पर यकीन हुआ ना होगा ।
इशारों में ही सही कुछ तो बता जाते
कितनी दूर चले गए हो तुम
कुछ तो कह जाते ।
किसको दोष दे हम अपनी
किस्मत का
दर्द में तड़प रहे थे तुम तो
उस दर्द को एक बार हमें दिखा तो जाते।
हमें जीने का कोई तो बहाना बता जाते
माना लोट कर नहीं आ सकते तुम वहां से
ख्वाबों में आकर कोई संदेश तो दे जाते
एक खत हमारे नाम का काश तुम लिखकर रख जाते।
हरमिंदर कौर
अमरोहा यूपी