शीर्षक:इक नज़र का सवाल है।
शीर्षक:इक नज़र का सवाल है।
तेरी इक नज़र का सवाल है
सुनो तुम्हारा क्या ख्याल है।
मेरे दिल का तो बुरा हाल है
आगोश में जब-जब तुम होते मेरे ,
अन्दर मेरे उठता बड़ा बवाल है।
तेरी इक नजर का सवाल है।
तेरा इतराना फिर चले जाना
कुछ तो लुटा दो हुसन का खजाना
युं न बनाओ तुम बार-बार बहाना
आये हो तो कुछ पल ठहर भी जाओ
तेरी इक नज़र का सवाल है
सुनो तुम्हारा क्या ख्याल है
यहां दिल का बुरा हाल है।
जब -अब आस्मां पिघला है
सावन फिर न आये
इसकी क्या मज़ाल है
तेरी इक नज़र का सवाल है
सुनो तुम्हारा —————–।
भीगा बदन बहकी-बहकी सासें
जो सपना हुआ है मुकम्मल,
लगता है यह तो इक ख्याल है
दिल में खिला है जो गुल ,
खुशबू इसकी बेमिसाल है।
तेरी इक नज़र का सवाल है
सुनो तुम्हारा क्या ख्याल है
मेरे दिल का तो बुरा हाल है।
आगोश में जब-जब तुम होते मेरे
अन्दर उठता”माही” बड़ा बवाल है।