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16 Dec 2020 · 1 min read

शीत

देखिये चारों तरफ छाया हुआ कोहरा है,दिख रही नहीं धूप,आ गया मौसम शीत।

मुँह से निकल रहा गरमागरम धुँआ,दांतो से भी किट-किट,मधुर बजा संगीत।

लगे मफलर टोप,स्वेटर ओवरकोट, दस्ताने रजाई मोजे, बन गये सब मीत।

खायें रेबड़ी गजक, पियें चाय भी कड़क, हीटर अंगीठी रख,ठंड की यही है रीत।

16-12-2020
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

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