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22 Jan 2019 · 1 min read

शीत लहर चल रही –आर के रस्तोगी

शीत लहर चल रही,दूजी हो रही है बरसात
दिन तो कट जाता है,कटती नहीं अब रात
कटती नहीं अब रात,पिया की याद सताये
ऐसे ठंडी रात में, मन को कौन समझाये
कह रस्तोगी कविराय,प्रकृति की ये है रीति
एक कम्बल और ओढ़ लो कट जायेगी शीत

आर के रस्तोगी

1 Like · 1 Comment · 212 Views
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