शीत ऋतु
जाड़े में सब जन करें,, बाटी चोखा भोज |
और गरम पानी पियें , ठंडक भागे रोज ||
ठंडक भागे रोज , प्रकृति से जोड़े नाता |
चाय पकौड़ी हेतु ,यही मौसम है भाता||
कहें प्रेम कवि राय, शीत ऋतु झंडा गाड़े |
बिरयानी जो खाय ,रहे खुश पूरे जाड़े ||
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम