शिष्टाचार और नेता
भाषणों में करते हैं बड़ी बड़ी ज्ञान ध्यान की बातें,
खुद पर आजमाते एक भी नहीं।
लड़ते है संसद भवन में कुत्ते बिल्लियों की तरह ,
इनमें अनुशासन और शिष्टाचार जरा सा भी नहीं।
भाषणों में करते हैं बड़ी बड़ी ज्ञान ध्यान की बातें,
खुद पर आजमाते एक भी नहीं।
लड़ते है संसद भवन में कुत्ते बिल्लियों की तरह ,
इनमें अनुशासन और शिष्टाचार जरा सा भी नहीं।