‘शिव’ (डमरु घनाक्षरी )
दहक दहक थल, बदन सदन झल,
गरल लहर चल, सकल जगत पर।
दरक दरक धर ,विकट विपद पर ,
छड़ तप शशि धर, विष घट रख कर।
गटक गटक गट, सरपट विष घट,
अचर विचर फट, धर हट हर हर।
निकस निकस घर, सुर सरि जल भर,
टपक टपक सर, गरल शमन कर।
-गोदाम्बरी नेगी