*शिवजी की चली बारात, हम बाराती हैं (भक्ति गीत)*
शिवजी की चली बारात, हम बाराती हैं (भक्ति गीत)
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शिव जी की चली बारात, हम बाराती हैं
1
पाने चले हैं, ध्यान का गोता
कोई जागा है, कोई सोता
रस्म वरमाला वाली सब, हमको आती हैं
2
किसको ये मन है देह सॅंवारे
साधकगण हैं भीतर से सारे
बैंड-बाजे की ध्वनियॉं धुन, अनहद गाती हैं
3
आए वही जो सब कुछ छोड़े
दुनिया से अपने रिश्ते तोड़े
अविनाशी से मिलने की सुधियॉं छाती हैं
शिव जी की चली बारात, हम बाराती हैं
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451