Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jun 2018 · 1 min read

शिरडी में बसते हैं, भगवान दिवाने

शिरडी में बसते हैं, भगवान दिवाने
प्रश्न है आस्था का, तू माने या न माने
बाबा में दिखते हैं, भगवान दिवाने
साँच को है आँच क्या, तू माने या न माने
साँच को है आँच क्या…….

देखी दुनिया घूमती, घूमता कौन है
देखी हवायें चलती, चलाता कौन है
विज्ञान भी इस बात पे, अब तक मौन है
राज़ कोई न जाने, विधाता कौन है //१.//
साँच को है आँच क्या…….

सदियों से जो सच था, वो सच है आज भी
ईश्वर जो कल था, वो सच है आज भी
जैसे बुद्ध-ईसा-नानक, जन्मे सूफी-संत
ॐ साईं के रूप में, वो सच है आज भी //२.//
साँच को है आँच क्या…….

Language: Hindi
Tag: गीत
245 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
View all
You may also like:
खिड़की के बाहर दिखती पहाड़ी
खिड़की के बाहर दिखती पहाड़ी
Awadhesh Singh
बहु भाग जाती है
बहु भाग जाती है
पूर्वार्थ
दुश्मन कहां है?
दुश्मन कहां है?
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
Jul 18, 2024
Jul 18, 2024
DR ARUN KUMAR SHASTRI
World Blood Donar's Day
World Blood Donar's Day
Tushar Jagawat
एक झलक
एक झलक
Dr. Upasana Pandey
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
3471🌷 *पूर्णिका* 🌷
3471🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
महफ़िल मे किसी ने नाम लिया वर्ल्ड कप का,
महफ़िल मे किसी ने नाम लिया वर्ल्ड कप का,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ख्वाबों में मिलना
ख्वाबों में मिलना
Surinder blackpen
" कश्ती रूठ गई है मुझसे अब किनारे का क्या
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
प्यार के पंछी
प्यार के पंछी
Neeraj Agarwal
🌸*पगडंडी *🌸
🌸*पगडंडी *🌸
Mahima shukla
....नया मोड़
....नया मोड़
Naushaba Suriya
चाँद शीतलता खोज रहा है🙏
चाँद शीतलता खोज रहा है🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ऐसा कहा जाता है कि
ऐसा कहा जाता है कि
Naseeb Jinagal Koslia नसीब जीनागल कोसलिया
देखिए मायका चाहे अमीर हो या गरीब
देखिए मायका चाहे अमीर हो या गरीब
शेखर सिंह
कविता
कविता
Shiva Awasthi
सावन तब आया
सावन तब आया
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
🙅आज का विज्ञापन🙅
🙅आज का विज्ञापन🙅
*प्रणय प्रभात*
16. आग
16. आग
Rajeev Dutta
"तरबूज"
Dr. Kishan tandon kranti
आज इस देश का मंजर बदल गया यारों ।
आज इस देश का मंजर बदल गया यारों ।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
मैंने अपनी, खिडकी से,बाहर जो देखा वो खुदा था, उसकी इनायत है सबसे मिलना, मैं ही खुद उससे जुदा था.
मैंने अपनी, खिडकी से,बाहर जो देखा वो खुदा था, उसकी इनायत है सबसे मिलना, मैं ही खुद उससे जुदा था.
Mahender Singh
मेरे तात !
मेरे तात !
Akash Yadav
आरजू ओ का कारवां गुजरा।
आरजू ओ का कारवां गुजरा।
Sahil Ahmad
मैं रूठ जाता हूँ खुद से, उससे, सबसे
मैं रूठ जाता हूँ खुद से, उससे, सबसे
सिद्धार्थ गोरखपुरी
कवियों की कैसे हो होली
कवियों की कैसे हो होली
महेश चन्द्र त्रिपाठी
Loading...