शिक्षा सकेचन है व्यक्तित्व का,पैसा अधिरूप है संरचना का
शिक्षा सकेचन है व्यक्तित्व का,पैसा अधिरूप है संरचना का
मनुष्य जीवन और रिश्तों की अधुरूपता का
पर आज के वक्त में महिला हों पुरुष शिक्षा अहम,पैसा घमंड बन गया है उनके व्यक्तित्व का।
जिस पुरुष या महिला ने जीवन या रिश्ते में अपने इस अहम और घमंड को जोड़ा है । इस जीवन और रिश्ते का सुचारू प्रारूप नाश हुआ है।
आज के युग में शिक्षा और पैसा काबिलियत दे रहा है
पर लायकी के संस्कार और गुण से निरुक्त और रिक्त कर रहा है।
पैसा और शिक्षा के साथ साथ जीवन और रिश्ते में लगने वाले संस्कार, गुणतत्व, व्यवहारिकता, भाषा, समायोजन बिल्कुल नही है। शून्य है विवेक और समसस्ता में पर बुद्धि और अहम में पूर्ण है।