शिक्षा – कहानी
एक बार की बात है, राजेश खन्ना के परिवार में कुल 6 सदस्य है। राजेश उनकी पत्नी नेहा, दो बच्चे प्रिया और विशाल इनके अलावा उनके माता- पिता। राजेश पेशे से एक पत्रकार है। वह ज्यादातर बाहर ही रहते है , इनका काम ही ऐसा है कि उन्हें साक्षात्कार लेने के लिए कहीं ना कहीं जाना पड़ता है कभी-कभी वह घर पर होते हैं पर आमतौर पर बाहर ही रहते हैं इस वजह से वह अपने बच्चों की पढ़ाई कैसे चल रही है और घर में क्या हो रहा है नहीं देख पाते। उनकी बेटी प्रिया पढ़ाई में काफी होनहार है कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करती है वहीं दूसरी तरफ उनका बेटा विशाल दिनभर खेलने में लगा रहता है वह पढ़ने पर ध्यान नहीं देता इस वजह से उसके मार्क्स अच्छे नहीं आते राजेश और उनकी पत्नी इस बात से काफी ज्यादा दुखी और चिंतित होते हैं कि आगे चलकर अगर विशाल ऐसा ही रहा तो उसका क्या होगा। राजेश जी ने 5 दिन की छुट्टी ली है ताकि वह अपने बच्चों की पढ़ाई को भी देख सकें कि कैसा चल रहा है। प्रिया और विशाल की एग्जाम आने वाले हैं प्रिया बहुत मन लगाकर अपने एग्जाम की तैयारी कर रही है वही विशाल अपने दोस्तों के साथ खेलने में लगा रहता है। प्रिया हमेशा विशाल से कहती हैं कि आकर मेरे साथ पढ़ लो एग्जाम आ रहे हैं क्या लिखोगे पेपर में वह उसकी बात को नजरअंदाज कर देता है और बहुत खेलने में लगा रहता है, यह देखो उनके माता-पिता काफी परेशान हो जाते हैं वह विशाल को समझाते हैं कि तुम अपनी बहन से कुछ सीखो वह हमेशा समय समय पर अपनी पढ़ाई कर लेते हैं । मुझे और नेहा को उसे पढ़ाई करने के लिए कहना भी नहीं पड़ता पर तुम्हें तो पढ़ाई से कोई मतलब ही नहीं है अगर तुम ऐसा ही करते रहोगे तो आगे चलकर तुम ही कठिनाई आएगी तापमान अब भी समय है जाकर थोड़ी पढ़ाई कर लो। पर विशाल अपने माता-पिता का एक बात ना सुनता । एक हफ्ता बीत गया अब बस एग्जाम को 2 दिन बाकी थे प्रिया की पढ़ाई पूरी हो चुकी थी उसने सब कुछ याद कर लिया था वहीं दूसरी तरफ विशाल ने कुछ याद नहीं किया प्रिया ने बोला अभी 2 दिन बचे हैं मैं तुम्हें सारा सिलेबस करवा दूंगी आओ चलो मेरे साथ विशाल बोला अभी 1 दिन बचा है आज मेरा मैच है और मुझे जीतना है तो मैं कल कर लूंगा और प्रिया की बाल टालते हुए वह मैच के लिए चल पड़ा। अगले दिन बिजली चली गई और प्रिया ने तो अपना पढ़ाई कर ली थी पर विशाल ने नहीं की बिजली न होने पर विशाल अपनी पढ़ाई कैसे करता और उसे उसके किए पर पछतावा हुआ अब उसे समझ आया कि मुझे बहुत पहले से ही कर ले पढ़ाई कर ले नीचे आखिरकार मेरे अच्छे मार्क्स तो आ जाते फिर जब एग्जाम का वक्त है प्रिया ने बहुत अच्छे से अपना एग्जाम दे दिया और वही विशाल का एग्जाम बहुत खराब गया उसके मार्क्स बहुत बुरे आए वह अपने किए पर बहुत शर्मिंदा हुआ और उसने वादा किया कि आज से जहां अपनी पढ़ाई पर भी ध्यान दे गा । आगे चलकर अपनी पढ़ाई पर भी ध्यान दिया पर वह भी काफी अच्छा विद्यार्थी बन चुका था अपने कक्षा में प्रथम आया करता उसे अपनी यह सबक मिल चुका था और उसने फिर ऐसी गलती नहीं दोहराई।
धन्यवाद |
-श्रेयशी दुबे