शिक्षक सम्मान में क्या खेल चला
(शेर)- हुआ होगा जुगाड़ भी कोई, पाने को शिक्षक सम्मान।
हुआ होगा इस अवसर पर योग्य शिक्षक का अपमान।।
क्या मिली है इस सम्मान में तवज्जो भामाशाह शिक्षक को भी।
क्या देते हैं ऐसे शिक्षक दिल से विद्यार्थियों को शिक्षा- सम्मान।।
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शिक्षक सम्मान में, क्या खेल चला।
योग्य शिक्षक को, क्या सम्मान मिला।।
भाई- भतीजावाद, भेदभाव क्या नहीं हुआ।
योग्य शिक्षक को, क्या सम्मान मिला।।
शिक्षक सम्मान में ————————।।
अपने धन से कराया, विकास जिसने।
क्या पाया है सम्मान, आज इसमें उसने।।
कर दिये दरकिनार, क्या इसमें दानी।
भामाशाह शिक्षक को, क्या महत्त्व मिला।।
शिक्षक सम्मान में————————-।।
छात्रों को पढ़ाने में, नहीं जिनकी रूचि।
अपने वेतन में ज्यादा है, जिनकी रूचि।।
चतुर- कामचोर भी क्या, सम्मानित हुए।
कर्मठ शिक्षकों का भी, क्या सिक्का चला।।
शिक्षक सम्मान में————————।।
झूठ- फ़रेब, राजनीति का क्या, खेल नहीं हुआ।
जाति- धर्म का भेदभाव, क्या इसमें नहीं हुआ।।
अच्छे काम वाले शिक्षकों की, क्या हुई कद्र।
ईमानदार शिक्षकों को, क्या अवसर मिला।।
शिक्षक सम्मान में—————————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा ऊर्फ़ जी. आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)