शिक्षक का सच्चा धर्म
### शिक्षक का सच्चा धर्म
शिक्षक का धर्म न पैसा, न सोना है,
ज्ञान का प्रकाश फैलाना ही उसका कोना है।
वो जलता है दिए की तरह, बच्चों का मार्ग दिखाने को,
दुनिया की ठोकरों से बचाकर, उन्हें सिखाने को।
शिक्षक की मेहनत, बस पैसों के लिए नहीं होती,
उसकी मेहनत में बच्चों के भविष्य की चाबी होती।
वो सिखाता है अपने पैशन से, न कि किसी लालच से,
हर बच्चे की आँखों में देखता है, सपनों की बारिश से।
पैसों की चमक में नहीं, उसके दिल की चमक में बसी है उसकी पहचान,
वो देखता है अपने विद्यार्थियों में, भविष्य की नयी उड़ान।
जब कोई बच्चा उससे कुछ सीखता है,
उसके चेहरे की मुस्कान में, शिक्षक का स्वाभिमान बसी होती है।
वो नहीं चाहता अपने शिष्यों से सिर्फ सम्मान,
उसकी चाहत है, उनके जीवन में सफलता की उड़ान।
शिक्षक का सच्चा धन, उसकी मेहनत का फल है,
उसके विद्यार्थियों की सफलता, उसके जीवन का असल है।
तो मत देखो शिक्षक को बस पैसों के तराजू में,
उसका पैशन और प्यार, बसा है हर एक विद्यार्थी की आँखों में।
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💫 **शिक्षक का सच्चा धर्म, बच्चों का भविष्य संवारना।** 💫