शिक्षक का ज्ञान
1- झुक के अदब से सम्मान करता हूँ टीचर को अपने सलाम करता हूँ
टीचर से मिलता हूँ मैं इतने पास से मोहब्बत सी हो गई है उसके हर बात से
दौलत के पीछे तो सारा जहाँ है शिक्षा किसी को कोई देता कहां है
सुबह उठ उठ कर मैं टीचर को प्रणाम करता हूँ टीचर का मैं अपने सम्मान करता हूँ।
टीचर का मैं अपने सम्मान करता हूँ
2- टीचर न होता अगर इस जहाँ पर शिक्षा न मिलती हम को यहाँ पर
हैं ज्ञानी यहाँ बहुत पर ज्ञान कोई देता कहाँ है बिन टीचर सबको मिलता ज्ञान कहाँ है
झुक के अदब से सलाम करता हूँ टीचर का मैं अपने सम्मान करता हूं। टीचर का मैं अपने सम्मान करता हूँ।
3- टीचर के जैसा न कोई भी यहाँ पर ज्ञान इन्हीं का है देखो जहाँ पर
हर ज्ञान इनके ज्ञान के बिन फीके पड़ें हैं देखो हर दौलत वाले इनके पीछे पड़े हैं।
झुक के अदब से सलाम करती है टीचर को दुनियां सलाम करती है।
संजय कुमार✍️✍️