शारदे वन्दना
वन्दनाएं/ प्रार्थना/धार्मिक
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चरणों में रखकर माथ में जोडू दोनों हाथ
किरपा तो मैया मुझपर करो।
तुम जानो मन की बात हे सारे जग की मात।
रहम तो थोडा मुझपर करो।
दीन हीन हूँ कला हीन हूँ धरती पर हूँ भार।
इसी वजह से हँसता मुझपर यह सारा संसार।
में सोचूं दिन रात बने मेरी भी बात
जो हाथ तुम मुझपर धरो।
मन मेरा आतुर हे में महिमा तेरी गाउँ
बिना ताल और स्वर के मैया कैसे गान सुनाऊँ।
सारे सजादो सुर सात देदो स्वर की सौगात।
बस उपकार तुम मुझपर करो।
तेरी साधना में मैया सब भेंट गज़ब की लाते।
मै आऊँ ख़ाली हाथो से तो मेरी हंसी उड़ाते।
झुक जाता मेरा माथ सुन लेरी मेरी मात
थोडा तो ध्यान मेरा धरो।
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मधुसूदन गौतम 13022017