शायरी
हमारी वफा से वो न कर सके बेवफाई
शायद मोहोबात अब उनकी समझ में आयी
इक शक को लगा के सीने से न जाने किस
बात पर सच्चे प्यार पर यूं ऊँगली उठाई !!
तुम्हारी दोस्ती ने आज समझाया है सब को
की दोस्त बना के रखना , कभी दूर न जाना
तिनका भी पड़ा हुआ जमीन पर, कभी
न कभी इंसान के काम आ ही जाता है !!
अजीत
मेरठ