Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Mar 2017 · 1 min read

शायरी

कभी आज तक न कोई
तोड़ के लाया है , आसमान से तारे
फिर क्यूं, ऐसे अरमान, तू
पाल लेता है , अपने सनम के लिए प्यारे
अजीत

माला का टूट के बिखर जाना,
प्यार के पलों का बिखर जाना
दिल पर लगी चोट का न उभर पाना
इंसान न जाने क्या क्या सोच कर
खुद को परेशां किया करता है
वो सच्ची मोहोब्बत नहीं थी,
क्यूं ? फिर यार घबराता है
अजीत

Language: Hindi
Tag: शेर
583 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all
You may also like:
Haiku
Haiku
Otteri Selvakumar
*संस्कार*
*संस्कार*
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
मुक्तक _ चाह नहीं,,,
मुक्तक _ चाह नहीं,,,
Neelofar Khan
Life through the window during lockdown
Life through the window during lockdown
ASHISH KUMAR SINGH
तुझे जब फुर्सत मिले तब ही याद करों
तुझे जब फुर्सत मिले तब ही याद करों
Keshav kishor Kumar
अधूरापन
अधूरापन
Dr. Rajeev Jain
प्यासा के कुंडलियां (विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा')
प्यासा के कुंडलियां (विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा')
Vijay kumar Pandey
मेरी मजबूरी को बेवफाई का नाम न दे,
मेरी मजबूरी को बेवफाई का नाम न दे,
Priya princess panwar
जीवन सरल चाहते हो तो
जीवन सरल चाहते हो तो
करन ''केसरा''
विषय : बाढ़
विषय : बाढ़
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
उजाले अपनी आंखों में इस क़दर महफूज़ रखना,
उजाले अपनी आंखों में इस क़दर महफूज़ रखना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सच तो कुछ भी न,
सच तो कुछ भी न,
Neeraj Agarwal
स्वतंत्रता
स्वतंत्रता
surenderpal vaidya
# खरी  बात
# खरी बात
DrLakshman Jha Parimal
मैं अक्सर देखता हूं कि लोग बड़े-बड़े मंच में इस प्रकार के बय
मैं अक्सर देखता हूं कि लोग बड़े-बड़े मंच में इस प्रकार के बय
Bindesh kumar jha
दुःख बांटने से दुःख ही मिलता है
दुःख बांटने से दुःख ही मिलता है
Sonam Puneet Dubey
*तू और मै धूप - छाँव जैसे*
*तू और मै धूप - छाँव जैसे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वो गलियाँ मंदर मुझे याद है।
वो गलियाँ मंदर मुझे याद है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
दुखा कर दिल नहीं भरना कभी खलिहान तुम अपना
दुखा कर दिल नहीं भरना कभी खलिहान तुम अपना
Dr Archana Gupta
"रहमत"
Dr. Kishan tandon kranti
जीवन शोकगीत है
जीवन शोकगीत है
इशरत हिदायत ख़ान
Conscience
Conscience
Shyam Sundar Subramanian
वापस आना वीर
वापस आना वीर
लक्ष्मी सिंह
4798.*पूर्णिका*
4798.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भूलना तुमको
भूलना तुमको
Dr fauzia Naseem shad
राज़ की बात
राज़ की बात
Shaily
इक ग़ज़ल जैसा गुनगुनाते हैं
इक ग़ज़ल जैसा गुनगुनाते हैं
Shweta Soni
*
*"राम नाम रूपी नवरत्न माला स्तुति"
Shashi kala vyas
#शीर्षक:- गणेश वंदन
#शीर्षक:- गणेश वंदन
Pratibha Pandey
इन आँखों को हो गई,
इन आँखों को हो गई,
sushil sarna
Loading...