शायरी
अभी तो मंजिल नहीं आयी, आप ने हाथ छुड़ा लिया
यह आपने कैसा हम हो सिला दिया
रास्ता कठिन है, पर मंजिल आसान है
साथ साथ चलेंगे तभी तो जिन्दगी आसान है !!
ढूंढे से भी न मिला दिल का इलाज करने वाला हकीम
तलाश में उस के सारी दुनिया , में खुद को घुमा दिया
बड़ी मुश्किल से मिला वो एक , सूने सूने नगर में
देख के बोला, कि , इस मर्ज का , मैं खुद मारा हूँ !!
अजीत तलवार
मेरठ