शायरी
जिन्दगी अब तक तेरे सवालो को पास किया है मैने
फिर भी गमो के साथ साथ ख़ुशी तलाश की है मैने
न जाने क्यूं ख़ुशी को जब पास पाकर खुश होता हूँ
बस उसी वकत गमो का तूफानी वार किया है तूने !!
धुप छांव सी है यहाँ पर जिन्दगी
रोज संवरती और बिगडती है जिन्दगी
हालत से मजबूर है हर इंसान यहाँ
कभी ख़ुशी और कभी गम दे जाती है जिन्दगी !!
अजीत तलवार
मेरठ