Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jun 2024 · 1 min read

शायरी

शायरी
तुम से मिलकर जाने-जां
ऐसी कसम उठाई है
लाखों दिल के अरमां तोड़े
हर कोई बहन बनाई है
©दुष्यंत ‘बाबा’

206 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक अरुण अतृप्त
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक अरुण अतृप्त
DR ARUN KUMAR SHASTRI
रहो तुम स्वस्थ्य जीवन भर, सफलता चूमले तुझको,
रहो तुम स्वस्थ्य जीवन भर, सफलता चूमले तुझको,
DrLakshman Jha Parimal
3656.💐 *पूर्णिका* 💐
3656.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मेरी बातें दिल से न लगाया कर
मेरी बातें दिल से न लगाया कर
Manoj Mahato
चाहे जिसको नोचते,
चाहे जिसको नोचते,
sushil sarna
" जल "
Dr. Kishan tandon kranti
नदी की तीव्र धारा है चले आओ चले आओ।
नदी की तीव्र धारा है चले आओ चले आओ।
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
हर एक राज को राज ही रख के आ गए.....
हर एक राज को राज ही रख के आ गए.....
कवि दीपक बवेजा
वक़्त की पहचान🙏
वक़्त की पहचान🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
.
.
NiYa
कृष्ण कन्हैया घर में आए
कृष्ण कन्हैया घर में आए
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
पहचाना सा एक चेहरा
पहचाना सा एक चेहरा
Aman Sinha
* सुन्दर झुरमुट बांस के *
* सुन्दर झुरमुट बांस के *
surenderpal vaidya
*पल्लव काव्य मंच द्वारा कवि सम्मेलन, पुस्तकों का लोकार्पण तथ
*पल्लव काव्य मंच द्वारा कवि सम्मेलन, पुस्तकों का लोकार्पण तथ
Ravi Prakash
🙅आज का सवाल🙅
🙅आज का सवाल🙅
*प्रणय*
54….बहर-ए-ज़मज़मा मुतदारिक मुसम्मन मुज़ाफ़
54….बहर-ए-ज़मज़मा मुतदारिक मुसम्मन मुज़ाफ़
sushil yadav
हिन्दी दोहा-पत्नी
हिन्दी दोहा-पत्नी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ये बेचैनी ये बेबसी जीने
ये बेचैनी ये बेबसी जीने
seema sharma
मेरे मालिक मेरी क़लम को इतनी क़ुव्वत दे
मेरे मालिक मेरी क़लम को इतनी क़ुव्वत दे
Dr Tabassum Jahan
*भव-पालक की प्यारी गैय्या कलियुग में लाचार*
*भव-पालक की प्यारी गैय्या कलियुग में लाचार*
Poonam Matia
गुरुकुल शिक्षा पद्धति
गुरुकुल शिक्षा पद्धति
विजय कुमार अग्रवाल
भ्रम रिश्तों को बिखेरता है
भ्रम रिश्तों को बिखेरता है
Sanjay ' शून्य'
क्यों
क्यों
Neeraj Agarwal
चला गया
चला गया
Mahendra Narayan
राम : लघुकथा
राम : लघुकथा
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
कभी आंखों में ख़्वाब तो कभी सैलाब रखते हैं,
कभी आंखों में ख़्वाब तो कभी सैलाब रखते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नेता बनि के आवे मच्छर
नेता बनि के आवे मच्छर
आकाश महेशपुरी
चरम सुख
चरम सुख
मनोज कर्ण
आप जो भी हैं।
आप जो भी हैं।
Sonam Puneet Dubey
शादी वो पिंजरा है जहा पंख कतरने की जरूरत नहीं होती
शादी वो पिंजरा है जहा पंख कतरने की जरूरत नहीं होती
Mohan Bamniya
Loading...