मोहब्बत शायरी
पिघल कर मोम सी वो बाहों में सिमट गई
बिना कुछ बोले वो दिल की बात कह गई
अश्कों से मोहब्बत की वो दास्ताँ लिख गई
आँखों में झाँक वो हाल ए दिल समझ गई
बिना कहे वो मेरी सारी उलझन समझ गई
मोहब्बत के दरिया में डूबकर वो खिल गई
पिघल कर मोम सी वो बाहों में सिमट गई।
– सुमन मीना (अदिति)