शायरी
प्यार ने बहुत तडपाया और रुलाया इन आँखों ने
कभी हम ने इनको देखा तो कभी अपने हाल को देखा
क्यूं सितम देते हैं दुनिया में लोग किसी को न मालूम
जब निभाना नहीं था, तो क्यूं मझधार में छोड़ा !!!!!
जिन्दगी ने बड़े दर्द दिए
दर्द भी बड़े बेदर्द दिए
होश में न रहने के लिए
न जाने क्या क्या सितम किये !!
अजीत तलवार
मेरठ