शायरी
वो बात कुछ और थी, आज बात कुछ और हैं l
वो रात कुछ और थी, आज ताप कुछ और हैं ll
हमें लगा कि, जमाना बदल रहा l
बदकिस्मत मुहब्बत यहां तो, शमियाना ही बदल रहा ll
वो बात कुछ और थी, आज बात कुछ और हैं l
वो रात कुछ और थी, आज ताप कुछ और हैं ll
हमें लगा कि, जमाना बदल रहा l
बदकिस्मत मुहब्बत यहां तो, शमियाना ही बदल रहा ll