शायरी
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1 –
यह जो तुम बांधती हो पैरों में अपने काला धागा ,
उफ्फ दुनिया की सारी बुरी बलाएं एक दिन मर जाएंगी
2 –
हम दोनों के दरमियां , अब यही फर्क है
हम दोनों अब दोनों नहीं रहे !!
3 –
तुम मुझे बना लो अपनी हथेलियों का तिल
मैं ताउम्र भर इनमें समां जाना चाहता हूं !
4 –
किसी की याद आना
मोहब्बत में दिया एक श्राप जैसा है !