शायरी
सपने तेरे बडे हुये
तो क्या
हम भी कोई छोटे
तो नही
माना तेरी नजरों मे
हम छोेटे सही
पर इतने छोेटे नही
जो किसी को नजर आते नही|
कभी मन की आँखों से तो देख
हमारे शिवा
तेरे दिल में
कोई और तो नही
या तो हम बडे है
या आपका दिल छोटा है
जो उसमें हम समाते नही|
माना
तेरा दिल बहुत बडा है
पर
उसमें पूरी दुनिया समाती तो नही
कभी उसमें खुद को ढूंढ
तु भी तो उसमें कही नजर आता नही|
मैं तेरी झूठी तारीफे
करू भी तो क्या
मुझसे सच्चाई छूपती नही
मैं झूठ कैसे बया करू
मुझसे सच्च छूपता नही|
खवाब तेरे उच्चे
उच्चे सही
ऊचाईयों की तुझे आदत है
वो भी सही
ऊचाईयों से कब जी घबरा जाये
ये किसी को पता चलता नही|
हम हमेशा नीचे रहे
नीचे सही
हमारी औकात इतनी ही है
इससे नीचे हम गिरते नही|
कभी मैं अपने लिये भागता हूं
कभी दूसरों को देखकर रूक भी जाता हूं
सब आराम से जिन्दगी जी रहे है
ये शोच कर परेशा हो जाता हूं
दौड रहा था मैं
ये भूल जाता हूं
जाना होता है मुझे कही
मैं कही और चला जाता हूं|
आदमी खुश है तो
किसी के दु:ख से
कोई फर्क नही पडता
आदमी दु:खी हो तो
किसी की खुशी से भी
कोई फर्क नही पडता
आदमी छोटा हो या बडा हो
पर आदमी सही हो
चाहे उसका दिल
छोटा हो या बडा हो
कोई फर्क नही पडता|
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Swami ganganiya