शायरी
जिंदगी की मायूसी ने हमें वो ज़ख्म दिये,
छुपाते हैं और मन में रो दिए,
लोगों को बताये तो वो सहारा न दिये,
ज़ख्मों को सुनकर वो हम पे ही हंस दिए,।
जिंदगी की मायूसी ने हमें वो ज़ख्म दिये,
छुपाते हैं और मन में रो दिए,
लोगों को बताये तो वो सहारा न दिये,
ज़ख्मों को सुनकर वो हम पे ही हंस दिए,।