शायरी
हमारी चहात को यूं इल्जाम न दो,
हम तुम्हारे लिए बहुत तड़पते हैं,
आके इन यादों में भी समेट लो हमें,
हमें गुम नामी का नाम न दो,।
Jayvind Singh Ngariya Ji
हमारी चहात को यूं इल्जाम न दो,
हम तुम्हारे लिए बहुत तड़पते हैं,
आके इन यादों में भी समेट लो हमें,
हमें गुम नामी का नाम न दो,।
Jayvind Singh Ngariya Ji