शायरी
हमारी जिंदगी का कोई ठिकाना बन गया,
कल कोई आया था वो जमाना बन गया,
हम तुम्हारी यादों में रहते हैं ऐ सफ़र,
हम तुम रहे थे एक साथ वो भी बन गया था,।
Jayvind Singh Ngariya Ji
हमारी जिंदगी का कोई ठिकाना बन गया,
कल कोई आया था वो जमाना बन गया,
हम तुम्हारी यादों में रहते हैं ऐ सफ़र,
हम तुम रहे थे एक साथ वो भी बन गया था,।
Jayvind Singh Ngariya Ji