शायरी
जिंदगी के मायूॅसी के पलो को ,
वो मुझको बताती थी,।
मैं जब उसके पास होता था,
तो वो कंधे पर सिर रख कर रोने लग जाती थी,।
Jayvind Singh Ngariya Ji
जिंदगी के मायूॅसी के पलो को ,
वो मुझको बताती थी,।
मैं जब उसके पास होता था,
तो वो कंधे पर सिर रख कर रोने लग जाती थी,।
Jayvind Singh Ngariya Ji