शायरी संग्रह
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शहरों का विकास
सुबह की अखबारों की वारदातों से भरा पड़ा है
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शहरों का विकास
गांवों को उजाड़ गया
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दुनिया का सबसे भयावह दृश्य
ईश्वर का मनुष्य को श्राप देना होगा !
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तुम प्यार में टूटे हुए तारे से कुछ मत मांगना
यह नियति के खिलाफ है
वह टूटा ही इसलिए है किसी ने उसे छोड़ दिया !
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जा तू बसा ले दूजा घर अपना
पर यार मेरे
इस घर को भी मेरे मका तो ना बना !