शायरी के गिरते स्तर ।
बीते कई दिनों से सोशल मीडिया पर कुछ शायरों पर सवाल उठाए जा रहे और यह लाज़िमी भी है ।
जिस तरह साहित्य और शायरी का स्तर गिरता जा रहा है और हर रोज़ ऐसे शेर काफ़ी पॉपुलर हो रहे है ।
तो मेरा किसी ख़ास आर्गेनाइजेशन से कोई लेना देना नही है उनको दुःख पहुचाने का इरादा भी नही है ।
लेकिन ये जो UPSC , OYO और औक़ात से आगे निकल नही पा रहे है और काफ़िया मिला कर बड़े प्लेटफॉर्म पर गंध मचा रहे है यह काफी शर्मनाक है ।
साहित्य आपको किसी सेक्सुअल हरासमेंट पर कमेंट करने की इजाज़त नही देता बल्कि साहित्य तो यह सिखाता है आप वो सच लिखें जिससे समाज को आगे बढ़ाया जा सके लोगों के अंदर की नफ़रतें ख़त्म हो सच से रु-बरु कराया जा सकें ।
मेरा कोई इरादा नही था इस पर लिखने का लेकिन जिस तरह शायरी को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है और महिलाओं के प्रति नफ़रत को बढ़ावा दिया जा रहा उसके मैं खिलाफ़ हु ।
अभिव्यक्ति की आज़ादी है आपको बोलने का हक़ है लेकिन आप नंगे बदन और OYO जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर शेर लिख कर लाखों व्यूज़ लेकर शायर नही बन गए है ।
शायर का काम समाज मे हो रहे बुराइयों , सच्चाई और मोहब्बत से रु-बरु करवाना है न कि नफ़रत परोसना ।
और आज जिस तरह Open Mic के नाम पर ड्रामा चलाया जा रहा है , उसका नतीजा तो सामने आना ही था ।
आपको हमारे इस लेखन से अगर तकलीफें हुई है तो माफ़ी चाहूंगा क्योंकि सच्चाई यही है ।
अगर कलम आपकी नफ़रत फैला रही है तो उस क़लम को वही तोड़ देनी चाहिए ।
ख़ैर ! सीखने की प्रवृत्ति को जगाए रखें , अच्छा पढ़ने की कोशिश करें और लिखतें रहें ।
धन्यवाद । ?
– हसीब अनवर