शायरी के खुदा मीर ने रूलाया हमें
कभी किस्मत तो कभी तक़दीर ने रूलाया हमें
यूँ रातों रात उसकी इक तस्वीर ने रूलाया हमें॥
वो नादानी वो बचपन वो बस पल भर की उलझन
फिर से न मिलने वाली उस जागीर ने रूलाया हमें॥
हर दर्द की आह पर वाह दिलाती रहीं गजलें
आज मंच पर शायरी के खुदा मीर ने रूलाया हमें॥
Zo Zo Sandeep Yadav