— शायद कुछ अलग हो —
आज हमारे देश के साथ साथ सारी दुनिआ में कोरोना जैसी घातक बिमारी सब को विनाश की तरफ ले जा रही है..हम सब को हिदायत दी जा रही है, कि अपना अपना ख्याल रखो..बताये गए सब तरह के उपयोग जारी रखो..पर कभी कभी दिल में ख्याल ऐसा कौंधने लग जाता है, कि
क्या अगर यह बिमारी इतनी घातक है, तो मात्र कुछ चीजों से ही इस को रोक सकते हैं..क्या इन सब से बचाव कर सकते हैं, अगर जरा सी चूक हो जाती है, तो क्या मौत ही नसीब होगी।।
वो भी घर वालों से कहीं दूर लेजाकर दफनाया जाएगा, या जला दिया जाएगा।।।
यहाँ बस यही एक प्रश्न जन्म लेता है, की कहीं कोई हमारे अंगों के साथ खिलवाड़ तो नहीं कर रहा, कहीं यह बिमारी के नाम से। .व्यापार तो नहीं चल रहा., यह सब कुछ बड़ी दूर की सोच है, जो शायद ही संभव हो..पर मन सच में व्याकुल बहुत है,कि आखिर इस संसार में यह हो क्या रहा है..??
किस पर भरोसा करे, क्या खाएं, क्या पिए, बहुत से सवालों से घिर चूका है इंसान।।।ईश्वर पर भरोसा कर सकते है..जिस ने जन्म दिआ..पर और किसी पर अब करना बड़ा मुश्किल हो रहा है…
अजीत कुमार तलवार
मेरठ
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