Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2023 · 1 min read

शाम

सूरज के घोड़े सोने चले
नारंगी छटा में नहाया गगन
शाखों ने ओढ़ी काली चुनरिया
सरोवर के तट पर मचलती पवन
झिलमिल सितारों की अविरल लड़ी
चंदा की किरणें जो जल पर पड़ी
जुगनू की जग-मग से रौशन चमन
मदमाते नैयनों से झरता अमन
थके-क्लांत पंछी प्रणय गीत गाएं
छवि प्रियतमा की हृदय में समाए
शीश महल में छलकता जाम
देखो, सुबह से हो गई शाम….।

(मोहिनी तिवारी)

134 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mohini Tiwari
View all
You may also like:
🙅न्यूज़ ऑफ द वीक🙅
🙅न्यूज़ ऑफ द वीक🙅
*प्रणय प्रभात*
*
*"ममता"* पार्ट-4
Radhakishan R. Mundhra
मां ने भेज है मामा के लिए प्यार भरा तोहफ़ा 🥰🥰🥰 �
मां ने भेज है मामा के लिए प्यार भरा तोहफ़ा 🥰🥰🥰 �
Swara Kumari arya
हौसला
हौसला
डॉ. शिव लहरी
देकर घाव मरहम लगाना जरूरी है क्या
देकर घाव मरहम लगाना जरूरी है क्या
Gouri tiwari
बचपन याद किसे ना आती💐🙏
बचपन याद किसे ना आती💐🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ऊपर बने रिश्ते
ऊपर बने रिश्ते
विजय कुमार अग्रवाल
एक सपना
एक सपना
Punam Pande
भोले शंकर ।
भोले शंकर ।
Anil Mishra Prahari
हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी
हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी
Mukesh Kumar Sonkar
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"नारियल"
Dr. Kishan tandon kranti
तेरे जाने के बाद ....
तेरे जाने के बाद ....
ओनिका सेतिया 'अनु '
काश तुम्हारी तस्वीर भी हमसे बातें करती
काश तुम्हारी तस्वीर भी हमसे बातें करती
Dushyant Kumar Patel
23/202. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/202. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दोहा -
दोहा -
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
वो इश्क़ कहलाता है !
वो इश्क़ कहलाता है !
Akash Yadav
ये बिल्कुल मेरी मां जैसी ही है
ये बिल्कुल मेरी मां जैसी ही है
Shashi kala vyas
प्रकृति ने अंँधेरी रात में चांँद की आगोश में अपने मन की सुंद
प्रकृति ने अंँधेरी रात में चांँद की आगोश में अपने मन की सुंद
Neerja Sharma
*आओ फिर से याद करें हम, भारत के इतिहास को (हिंदी गजल)*
*आओ फिर से याद करें हम, भारत के इतिहास को (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
भ्रष्टाचार ने बदल डाला
भ्रष्टाचार ने बदल डाला
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
वृक्ष पुकार
वृक्ष पुकार
संजय कुमार संजू
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
एक
एक
हिमांशु Kulshrestha
श्री राम आ गए...!
श्री राम आ गए...!
भवेश
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
Shayari
Shayari
Sahil Ahmad
शिष्टाचार एक जीवन का दर्पण । लेखक राठौड़ श्रावण सोनापुर उटनुर आदिलाबाद
शिष्टाचार एक जीवन का दर्पण । लेखक राठौड़ श्रावण सोनापुर उटनुर आदिलाबाद
राठौड़ श्रावण लेखक, प्रध्यापक
हृदय की चोट थी नम आंखों से बह गई
हृदय की चोट थी नम आंखों से बह गई
इंजी. संजय श्रीवास्तव
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...