शादी
? ? ? ?
गुड्डे -गुड़िया का नहीं ,शादी कोई खेल।
ये वो बंधन है जहाँ ,होता दिल का मेल।।१
जाति-धर्म-मजहब नहीं ,शादी की पहचान।
जीवन भर जो साथ दे ,उसको साथी मान।।२
दो पावन -सा दिल मिले ,जीवन पथ की राह।
जीवन नैया प्रेम से ,ले चल सुख की छाँह।।३
गूँज उठी शहनाइयाँ ,बड़ी सुहानी रात।
मीठे -रिश्तें की करें ,शादी नव शुरुआत।।४
रीति -रिवाजों से भरा ,शादी बंधन खास।
जो जीवन में घोलता ,अनुपम मिलन मिठास।।५
अदभुत अंजाना बड़ा, शादी सुन्दर रीत।
रूह -रूह को जोड़ता ,दिल में बढ़ता प्रीत।।६
शादी लम्हा प्यार का खुशियों की संगीत।
वर वधु मिलकर रहे ,गाये सुख के गीत।।७
एक बने दो अजनबी ,शादी ऐसी रीत।
तब जीवन भर के लिए , बन जाते मन मीत।।८
ऐसे जीवन भर रहो , दो जिस्म एक जान।
एक दूसरे के लिए ,दिल में हो सम्मान।।९
सिर्फ एक बंधन नहीं ,शादी है विश्वास।
प्रेम-भाव से जो टिके ,नादाँ करे खलास।।१०
? ? ? -लक्ष्मी सिंह ? ☺