शादी की वर्षगांठ
शादी की वर्षगाँठ
RD Jangra
जरूरत नहीं मेरे संस्कारों पे तगमा दे मुझे दुनिया;
मेरे बच्चे मुझसे दौड़ के मिलें तो सिकन्दर हूँ मैं ।।
* मोहब्बत वह नहीं होती जो दिखाई जाती है;
मोहब्बत वह होती है जो निभाई जाती है।।
* अश्लीलता की चासनी में पेश की गई मोहब्बत फरेब है;
उम्र जब छीन लेती है शोखियाँ तो असलीयत सामने आ ही जाती है
* हर बात से वाकिफ होकर होने लगी है मोहब्बतें आजकल;
वो नज़राना ही क्या जो “खोलकर” ही न देखा जाए ।।
तेरे आने से पहले ना मैं तुझे जानता था ना तेरी फितरत;
दावा है मेरा मैं अब तुझको तुझसे ज्यादा जानता हूँ ।
By: RDJangra.
We 07-2-2019