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29 May 2024 · 1 min read

शादी की वर्षगांठ

शादी की वर्षगाँठ

RD Jangra

जरूरत नहीं मेरे संस्कारों पे तगमा दे मुझे दुनिया;
मेरे बच्चे मुझसे दौड़ के मिलें तो सिकन्दर हूँ मैं ।।

* मोहब्बत वह नहीं होती जो दिखाई जाती है;
मोहब्बत वह होती है जो निभाई जाती है।।

* अश्लीलता की चासनी में पेश की गई मोहब्बत फरेब है;
उम्र जब छीन लेती है शोखियाँ तो असलीयत सामने आ ही जाती है

* हर बात से वाकिफ होकर होने लगी है मोहब्बतें आजकल;
वो नज़राना ही क्या जो “खोलकर” ही न देखा जाए ।।

तेरे आने से पहले ना मैं तुझे जानता था ना तेरी फितरत;
दावा है मेरा मैं अब तुझको तुझसे ज्यादा जानता हूँ ।

By: RDJangra.

We 07-2-2019

1 Like · 145 Views

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