शादीं बिना तलाकं
लघुकथा
शादीं बिना तलाकं
– बीजेन्द्र जैमिनी
कोर्ट में महिला ने शिकायत दी है कि विवाह के समय किये वायदें पूरे नहीं किये गये हैंः-
विवाह के समय वल्डं टूर पर ले जाना, ड़ाईवर सहित होडा सिटी कार,कर्इ नौकरों की सुविधा तथा निर्जी खर्च के लिए बिना किसी सवाल के पच्चीस हजार रूपयें महींने देने का वायदा किया था।
महिला की शिकायत अनुसार कार दिलाई छोटी, सुविधा में सिर्फ दो नौकर, वल्ड़ टूर के नाम पर देश में ही कुछ स्थलों की सैर तथा निर्जी खर्च के लिए दस हजार रूपये महीनें ही मिलते है। अतः मुझे तलाकं दिलवाया जाऐ तथा एक लाख रूपये प्रति महीनें मुआवजा दिया जाऐ।
दोनो पक्ष के वकीलों की बहंस सुनने के बाद न्यायधीश ने फैसला सुनाया-
लगता है आप की शादीं नहीं हुई है बल्कि आप ने अपने आप को किराये पर दिया है या फिर अपने आप को बेच दिया है। क्योकि शादी के लिए ऐसे वायदें किसी भी स्थिति में उचित नहीं है। यह शादीं नहीं समझौता नंजर आता है। शादी के बाद ही तलाकं व मुअवाजा सम्भव होता है। ***