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17 Jun 2022 · 1 min read

शांत दिल के सागर में

एक बवंडर सा
उठता है
एक शोर सा होता है
एक आंधी सी चलती है
एक शोला सा लपकता है
एक भंवर सा जलजला शांत दिल के सागर में
कहीं उठता है
एक तूफान सा फिर
आहिस्ता आहिस्ता थमता है
जिंदगी में सब कुछ बदल जाता है पर
लगता ऐसा है कि शायद
कोई बुरा स्वप्न देखा था
जिंदगी की सच्चाई और यथार्थ को
यह दिल है कि
फिर भी मानने को तैयार नहीं होता।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 159 Views
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