शांत दिल के सागर में
एक बवंडर सा
उठता है
एक शोर सा होता है
एक आंधी सी चलती है
एक शोला सा लपकता है
एक भंवर सा जलजला शांत दिल के सागर में
कहीं उठता है
एक तूफान सा फिर
आहिस्ता आहिस्ता थमता है
जिंदगी में सब कुछ बदल जाता है पर
लगता ऐसा है कि शायद
कोई बुरा स्वप्न देखा था
जिंदगी की सच्चाई और यथार्थ को
यह दिल है कि
फिर भी मानने को तैयार नहीं होता।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001