शांति स्वरूप
प्रसिद्ध लेखक/ घुमक्कड़/ महान बुद्धिस्ट श्रेद्धय शांति स्वरूप बौद्ध जी के चरणों में चंद ….सागर …के दोहे
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शांति स्वरूप बुद्ध तुम, थे बहुजन इंकलाब।
मिशन में तुम ले आए थे, साहित्य शैलाब।।
क़लम चलाई जोर से,बन गये थे चित्रकार।
जानें की पाकर खबर, बढ़ गया हा हा कार।।
देश विदेशी यात्रा, खूब खरी श्रीमान।
बहुजनो का बन गये थे तुम स्वाभिमान।।
चेहरे पर बड़ा तेज था, बातों में थी धार।
पाखंडवाद को कर दिया तुमने दिलों से बाहर।।
बहुत रचे इतिहास है,तुमने तो श्रीमान।
पाखंडवाद के ज़ोर से, तुमने ऐंठे कान।।
सम्यक की छत के तले,रचा बुद्ध इतिहास।
पीछे रह गये वो सभी,जो करते परिहास।।
भीमराव के काम को, दिया नया आगाज़।
सदियों सदियों तुम्हें,याद रखेगा समाज।।
सागर शांति बौद्ध की , चर्चा करो बखान।
जो इंसा को मानती , है केवल इंसान।।
जलते हैं तो जल उठें,नीच लोग, अभिमान।
थे बहुजन आदर्श तुम, तुम ही स्वाभिमान।।
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09/06/2021
जनकवि/बेखौफ शायर
डॉ.नरेश कुमार “सागर”
इंटरनेशनल साहित्य अवार्ड से सम्मानित
9149087291