शांति से खाओ और खिलाओ
हर जन प्रतिनिधि के हाथ
लग जाती रहस्यमयी चाबी
जीतने के कुछ दिन बाद ही
दिखते हैं उनके ठाट नवाबी
कारों और कोठियों की बन
जाती लंबी लंबी सी कतार
भाग्य विधाता मतदाता ही
याचक बन जुटें उनके द्वार
विकास के लिए बनती जो
भी छोटी या बड़ी योजनाएं
जन प्रतिनिधि उनके बजट
में भी करते रहते दाएं बाएं
जवाबदेही की चिंता कभी
करता ही नहीं संबंधित तंत्र
शांति से खाओ और खिलाओ
सभी आफिसों में यही महामंत्र